छलक आईं
मेरी ऑंखें
समुद्र के किनारे
पास चला आया
समुद्र
मुझे समझाने .
२-
याद आ गया
गुज़रा ज़माना
आ गया
समुद्र में
ज्वार.
३-
नीला समुद्र
भूरा आसमान
मेरे पास
और आसमान पर
चाँद
ज्वार आ गया.
४-
रूठी
चली गयी
रेत की तरह
फिसल गयी
५-
मैं बैठा रहा
समुद्र के किनारे
तुमने डुबकी लगाई
तुम मोती ढूंढ लाये
मैं खारा हो चला .
मेरी ऑंखें
समुद्र के किनारे
पास चला आया
समुद्र
मुझे समझाने .
२-
याद आ गया
गुज़रा ज़माना
आ गया
समुद्र में
ज्वार.
३-
नीला समुद्र
भूरा आसमान
मेरे पास
और आसमान पर
चाँद
ज्वार आ गया.
४-
रूठी
चली गयी
रेत की तरह
फिसल गयी
५-
मैं बैठा रहा
समुद्र के किनारे
तुमने डुबकी लगाई
तुम मोती ढूंढ लाये
मैं खारा हो चला .
बहुत सुन्दर क्षणिकायें...
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