सोमवार, 4 जून 2012

अनुभव (anubhav)

दादा जी समझाते थे
अनुभव मिलना
ज़िंदगी के लिए बहुत ज़रूरी है
हम उससे कुछ सीखते हैं
ज़िन्दगी आसान हो जाती है
शायद दादाजी को
अनुभव नहीं हुआ था या उन्होंने
मिले अनुभवों से कुछ सीखा न था
एक दिन पिताजी
उन्हें छोड़ कर चले गए
दादाजी अकेले रह गए
मैंने देखे थे
हमें जाते देख रहे दादाजी के आंसू
मुझे याद आ रही है दादाजी की सीख
लेकिन समझ नहीं पा रहा हूँ
पिताजी से मिले इस अनुभव से
मैं क्या सीख लूं?


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